
चीन और भारत की सेना में सबसे ज्यादा ताकतवर कौन है?
भारत और चीन की सेनाओं की तुलना के बीच हमें इस इस सच्चाई को मानना होगा कि चीन का रक्षा बजट भारत से तीन गुना है. साल 2017 में चीन ने अपने रक्षा बजट में 152 बिलियन डॉलर का प्रावधान किया है, वहीं भारत का रक्षा बजट 53.5 बिलियन डॉलर का है. यह भी सच है कि सैनिकों की संख्या हो,लड़ाकू विमानों की संख्या हो या फिर टैंको की संख्या हो, चीन भारत से इक्कीस है.
चीन और भारत की वायुसेना
चीन के पास निश्चित तौर पर भारत से ज्यादा लड़ाकू विमान हैं. लेकिन उसके पास भारतीय लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमकेआई की कोई काट नहीं है. भारतीय सुखोई 30 एमकेआई चीन के सुखोई 30 एमकेएम से कहीं ज्यादा ताकतवर है. भारतीय सुखोई 30 एक साथ 20 निशाने साध सकता है जबकी चीनी सुखोई 30 एक बार में बस दो निशाने साध सकता है. इसके अलावा भारत-चीन सीमा की भौगोलिक स्थिति भी भारतीय वायुसेना के पक्ष में है. जंग के हालात में चीनी विमानों को तिब्बत के ऊंचे पठार से उड़ान भरनी होगी. लिहाजा ना तो चीनी विमानों में ज्यादा विस्फोटक लादे जा सकते हैं और ना ही ज्यादा ईंधन भरा जा सकता है. चीन की वायुसेना के पास अपने विमानों में हवा में ईंधन भरने की क्षमता भी काफी कम है
चीन और भारत की सेना का आकलन
अगर सेना में भर्ती होने की उम्र वाले युवाओं की संख्या की बात की जाए, तो चीन के पास ऐसे करीब 1 करोड़ 95 लाख युवा हैं. जबकि भारत के पास 2 करोड़ 30 लाख.
हालांकि अगर सक्रिय सैनिकों की बात की जाए तो चीन हमसे आगे है, चीन के पास साढ़े 22 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जबकि भारत के पास लगभग 12 लाख सक्रिय सैनिक हैं. सेना की ताकत की बात की जाए तो चीन के पास 6 हज़ार 457 कॉम्बैट टैंक हैं, जबकि भारत के पास 4 हज़ार 426 कॉम्बैट टैंक हैं.
दोनों देशों की हवाई ताकत
आर्म्ड वेकिल्स की बात करें तो चीन के पास 4,788 हैं, जबकि भारत के पास 6,704. अगर दोनों देशों की हवाई ताकत की बात की जाए तो चीन के पास 2,955 लड़ाकू विमान हैं, जबकि भारत के पास 2,102. अब बात भारत और चीन की नेवी की कर लेते हैं. चीन के पास छोटे-बड़े सभी जहाज़ मिलाकर 714 नेवल एसेट्स हैं, जबकि भारत के पास ऐसे 295 नेवल एसेट्स हैं. चीन के पास एक एरयक्राफ्ट करैयिर है, जबकि भारत के पास 3 हैं. चीन के पास 35 डेस्ट्रोयार्स यानी विध्वंसक युद्धपोत हैं, जबकि भारत के पास 11 डेस्ट्रोयार्स हैं. चीन के पास 68 सबमैरींस हैं, जबकि भारत के पास 15 पनडुब्बियां हैं. अब ज़रा दोनों देशों के रक्षा बजट की बात भी कर लेते हैं. चीन का रक्षा बजट 161.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी करीब 10 लाख 50 हज़ार करोड़ रुपये का है. जबकि भारत का रक्षा बजट 51 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी 3 लाख 30 हज़ार करोड़ रुपये का है.
इतिहास की नज़र से!
1962 के भारत चीन युद्ध के बारे में सभी जानते हैं, लेकिन 1967 के युद्ध में भी भारत ने चीन को गहरी शिकस्त दी थी। दरअसल तब चीन ने अपना विस्तार करने के लिए चीन से लगे सिक्किम पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी, तब नाथू ला और चो ला फ्रंट पर ये युद्ध लड़ा गया था। यह युद्ध इसी महीने में 1 अक्टूबर से 10 अक्टूबर के बीच लड़ा गया
इस युद्ध में 88 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, लेकिन 400 चीनी सैनिको को उन्होंने मार गिराया था। इस युद्ध के बाद ही सिक्किम भारत का हिस्सा बना। इस युद्ध में पूर्वी कमान को सैम मानेकशा संभाल रहे थे, जिन्होंने बांग्लादेश बनवाया था। मानेकशा भारतीय सेना के अध्यक्ष थे, उनके नेतृत्व में भारत ने सन् 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में विजय प्राप्त किया था, जिसके बाद बांग्लादेश का जन्म हुआ!
इस युद्ध के हीरो थे राजपुताना रेजिमेंट के मेजर जोशी, कर्नल राय सिंह, मेजर हरभजन सिंह गोरखा रेजिमेंट के कृष्ण बहादुर, देवीप्रसाद। इस युध्द में जब भारतीय जवानों के पास गोलियां खत्म हो गयी तो उन्होंने चीनियों को अपनी खुर्की से ही काट डाला था। कई गोलिया खाने के बाद भी मेजर जोशी ने चार चीनी ऑफिसर को मार गिराया। इस युद्ध में सबने वीरता दिखाई। बाद में शहीदों को उनकी वीरता के लिए सरकार ने कई सम्मान दिए।