घटना: – पाँच ब्राह्मणों की निर्मम हत्या!
मीडिया का TRP वाला चश्मा!
ख़ैर अमर उजाला की हेड लाइन पे ग़ौर करिएगा, अगर दलित या अल्पसंख्यक होते तो ख़बर “पाँच दलितों/अल्पसंखों को गाड़ी में ज़िंदा फूँका” से शुरू होती और कैरना या अखलाक घटना से जोड़ दी जाती पर अफ़सोस ब्राह्मण थे सब के सब वरना TRP मिस्स ना होती!

राजनीतिक समीकरण:
हिस्सेदारी: कमाई में दम संख्या में कम! मुट्ठी भर ब्राह्मण सुने कौन!
जनसंख्या के हिसाब से 130 करोड़ आबादी में हमारी हिस्सेदारी लगभग 5.5 करोड़ की है सीधे शब्दों में 4.23% कुल आबादी का और जो हमारी कमाई पे तमाम सरकारी सुविधों और आरक्षण के साथ मीडिया की TRP का भी सीधा मजा ले रहे हैं वो २०११ के सरकारी आँकड़ों के हिसाब से क्रमशः 25%(दलित) और 14.2% (अल्पसंख्यक) हैं! फिर भी हमारा सुध लेने के लिए कौन है? ना सरकार ना कोई हिंदू ब्राह्मण संगठन!
कोई मीडिया नहीं लिखेगा पर हमने लिख दिया है कम से कम शेयर तो कर ही देना! और अपने वोट देने वाले ब्राह्मण नेता से पूछना ज़रूर की वो जो 5 ब्राह्मण को ज़िंदा जलाया है उसके विरोध वाला फ़ेसबुक पोस्ट और धरने की फ़ोटो भेजें ज़रूर! और ना भेजें तो समझ लेना की जब आप मारे जाओगे तो भी वो कुछ नहीं बोलेंगें, करना तो दूर की बात हैं!!!