शिमला। सिर्फ़ नारे लगाने से शहीद और उनके परिवारों की मदद नहीं होती है, उसके लिए कोशिश भी करनी होती है। ऐसी ही एक कोशिश कर मिसाल कायम की है IAS यूनुस और IPS अंजुम आरा ने, सीमा पर सैनिकों के साथ की गई बर्बता ने इस दंपति को अंदर तक झकझोर दिया जिसके बाद इन्होंने शहीद परमजीत की 12 साल की बेटी गोद लेने का फ़ैसला किया है ।

IAS यूनुस कुल्लू में उपायुक्त हैं और पत्नी सोलन में एसपी। दोनों ने तरणतारण के शहीद परमजीत की बेटी को गोद लेने का फ़ैसला लेकर नई मिसाल कायम की है, इस युवा दंपति ने अपने इस फ़ैसले को गोपनीय ही रखना चाहा था लेकिन मीडिया में ये ख़बर लीक हो गई।
इस नौजवान दंपति के फ़ैसले पर जब शहीद परमजीत की पत्नी से बात की तो उनके इस नेक फ़ैसले से इंकार नहीं कर पाई। बच्ची अपनी मां के पास ही रहेगी लेकिन उसके ताउम्र पढ़ाई और बाकी खर्चे IAS युनूस और IPS अंजुम उठाएंगे।
यूनुस और अंजुम का चार साल का बेटा है और उन्होंने कहाकि हमें खुशी है कि भाई को बहन मिल गई है। दोनों ने कहा कि हम कोशिश करेंगे भाई-बहन के बीच का रिश्ता गहरा रहे। दंपति ने कहा कि उनकी पूरी कोशिश होगी कि बच्ची को पढ़ाई में कोई कमी ना आए, अगर वो IAS या IPS भी बनना चाहेगी तो हम उसकी पूरी मदद करेंगे।

दंपति जल्द ही शहीद के घर भी जाएंगे। IPS यूनुस ने कहा की सरहदों की हिफ़ाज़त करने वाले सैनिकों के परिवारों को इसी तरह की सुरक्षा और मदद की ज़रूरत है ताकि उनका मनोबल बढ़े।
IAS यूनुस और IPS अंजुम की इस नेक पहल हमारा सलाम। देश के अन्य लोगों को भी इनसे सीख लेनी चाहिए जो फ़ेसबूक और वट्सऐप जैसे सोशल टूलस पे सिर्फ़ देशभक्ति के नारे लगाते रहते हैं।