लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) का चौथा चरण बीत चुका है और अब सपा-बसपा के महागठबंधन ने वाराणसी (Varanasi) से अपना पूर्व उम्मीदवार बदलते हुए अब बीएसएफ से बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव (Tej Bahadur Yadav) को मोदी के ख़िलाफ़ टिकट देने की क्या है वजह!
एक कथित चौकीदार और बर्खास्त सिपाही की कैसी होगी लड़ाई!
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) के चौथे चरण बीत जाने के बाद सपा-बसपा गठबंधन (SP-BSP Alliance) ने वाराणसी (Varanasi) को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. समाजवादी पार्टी (SP) ने वाराणसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बदलते हुए तेजबहादुर यादव को टिकट दे दिया है. तेज बहादुर यादव (BSF कर्मी, जिसे सैनिकों को दिए जाने वाले भोजन की क्वालिटी से जुड़ा वीडियो जारी करने के बाद नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था) अब शालिनी यादव के स्थान पर पार्टी उम्मीदवार होंगे, और BJP प्रत्याशी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुकाबला करेंगे. गौरतलब है कि तेज बहादुर यादव ने बीएसएफ (BSF) में रहते हुए खराब खाने की शिकायत की थी, जिसके बाद उन पर कार्रवाई की गई और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. समाजवादी पार्टी ने हाल ही में शालिनी यादव को वाराणसी से उम्मीदवार बनाया था. बता दें कि शालिनी यादव (Shalini Yadav News) कांग्रेस के पूर्व सांसद और राज्यसभा के पूर्व उपसभापति श्यामलाल यादव की पुत्रवधू हैं. वाराणसी में अंतिम चरण में 19 मई को चुनाव होने हैं.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह यादव का ट्वीट!
मोदी सरकार के #अफसरशाही, #कमीशनखोरी और #भ्रष्टाचार को आईना दिखाने वाला, मातृभूमि और भारत माँ के असली #चौकीदार, देश के एक सच्चे सिपाही तेज बहादुर यादव को #महागठबंधन ने एक नक़ली जुमलेबाज़ बेहरुपीये ठग के विरुद्ध #बनारस से अपना #प्रत्याशी खड़ा किया!#असली_चौकीदार #MahaParivartan
— Sunil Singh Yadav (@sunilyadv_unnao) April 29, 2019
बता दें कि बीते साल BJP प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे नरेंद्र मोदी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद केजरीवाल को वाराणसी सीट से कुल 3,71,784 वोटों के भारी अंतर से हराया था. नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थें. वहीं, दूसरे स्थान पर रहे अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत मिले. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे. वहीं चौथे स्थान पर बहुजन समाज पार्टी और पांचवें स्थान पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे.
ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी का ख़ुद को चौकीदार कहना और विपक्ष को लगातार निशाने पे लेना इसकी एक बड़ी वजह है! जिसे सपा बसपा के महागठबँधन ने “चौकीदार चोर है?” के बहाने मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी से एक कतिथ चौकीदार के ख़िलाफ़ एक सिपाही को टिकट देकर एक तीर से दो शिकार कर दिया!
इस पूरे मामले में मोदी विरोधियों और समर्थकों की सोशल मीडिया पे अलग अलग राय है पर इन सबके बीच में देखना ये दिलचस्प होगा की चौकीदार और सिपाही के खेल में बाज़ी किसकी होगी !
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