Inside Story: बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के संपन्न होने के तुरंत बाद कई समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनलों द्वारा कराए गए एग्जिट पोल के नतीजे महागठबंधन को बढ़त देते दिखे। शनिवार को विभिन्न चैनलों पर दिखाए गए इस एग्जिट पोल के सर्वे में बिहार में सत्ता परिवर्तन होता भी दिखाया गया। एक तरफ़ महागठबंधन के दावे एक बड़ी जीत के किए जा रहे हैं तो दूसरी ओर, एनडीए का कहना है कि दावे अक्सर हकीकत से दूर होते हैं।
और यह कुछ हद तक सही भी है क्योंकि यू॰पी॰ए॰ 2 और मोदी 2 के समय भी तमाम एग्ज़िट पोल अपनी ज़मीनी हक़ीक़त देख चुके हैं! बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे व अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के बाद आए विभिन्न सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल को भाजपा ने नकार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हों या प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल से लेके, राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय मयूख व गुरु प्रकाश, टीवी इंटर्व्यूज़ में एग्जिट पोल से इतर एनडीए को 170 सीटें दिलाते हुए बिहार में एनडीए की सरकार बनाने का दवा पेश कर रहे हैं
वहीं राजद के राज्यसभा सांसद सह मुख्य प्रवक्ता मनोज झा का मानना है कि एग्जिट पोल के आंकड़े अपनी जगह हैं, लेकिन बिहार के जनादेश ने स्पष्ट कर दिया है कि जनता बदलाव चाहती है। लोगों ने बिहार को सड़ी-गली व्यवस्था से बाहर निकालने और नया बिहार गढ़ने के लिए सबसे बेहतर विकल्प तेजस्वी प्रसाद यादव को माना है।
अब इनमें कितना दम है ये तो परिणाम बताएँगे। पर अगर पिछले दो दशकी की राजनीति पर गौर करें तो नीतीश कुमार बिहार की पॉलिटिक्स के वे योद्धा हैं जिनके बिना कोई भी सत्ता का स्वाद नहीं चख पाया है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की लहर में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली बीजेपी भी 2015 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के सामने हार गई। बिहार की सत्ता में बने रहने के लिए बीजेपी को दोबारा से नीतीश का साथ लेना पड़ा। 2015 में ही लालू यादव जैसे बड़े वोट बैंक वाले नेता को भी 10 साल के सत्ता वनवास को दूर करने के लिए नीतीश से हाथ मिलाना पड़ा। जिस नीतीश कुमार के सामने मोदी और लालू जैसे राजनेता की दाल नहीं गल पाई, एग्ज़िट पोल में उन्हें चिराग पासवान धराशायी करते दिख रहे हैं। चिराग पासवान शुरू से ही कहते रहे हैं कि उनका मकसद नीतीश कुमार को सत्ता से दूर करना है, जिसमें में वह सफल होते दिख रहे हैं। हालांकि ये तमाम बातें फाइनल और वास्तविक रिजल्ट 10 नवंबर के बाद ही साफ हो पाएगा कि नीतीश कुमार ही अजेय योद्धा बने रहेंगे या इस बार सच में बदलाव आएगा! इन तमाम दावों के बीच प्रत्याशी डॉट कॉम ने भी अपने यूज़र बेस सर्वे के माध्यम से अपना एग्ज़िट पोल निकाला है, वैसे हमारे दावे कुछ और कहते हैं।
बिहार चुनाव में इस बार भाजपा का पडला भारी होने वाले है, वही JDU कुछ सीटों के नुक़सान के साथ NDA गठबंधन के प्रमुख गठबंधन में होंगे। पूरे चुनाव में चिराग़ पासवान, चिराग़ तले अंधेरे की कहावत को चरितार्थ करेंगे।
NDA: 150+
MGB: 78+
LJP: 4+
OTHERS: 10+
Total : 243